1 जनवरी 2024 को, जब दुनिया नए साल का स्वागत कर रही थी वहीं, ISRO Launch XPoSat. यह भारत का पहला पोलारिमेट्री मिशन है। XPoSat, ब्लैक होल और अन्य खगोलीय एक्स-रे के स्रोतों को देखेगा। इसका Launch सुबह 9:10 बजे 1 जनवरी 2024 को हुआ। इसके बाद, XPoSAT or X-ray Polarimeter Sat को “PSLV-C58” वाहन ने 6 डिग्री के झुकाव वाले 650 किलोमीटर के इच्छित ओर्बिट में सैटेलाइट को सटीकता से रखा।
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इसरो ने कहा है कि, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। ISRO के अलावा US की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था।
एक्सपोसैट(XPoSat) के पोलेड्स
POLIX:
इसरो के अनुसार, POLIX (पोलारिमीटर इंस्ट्रुमेंट इन एक्स-रे) मुख्य भार है। यह पोलारिमेट्री पैरामीटरों को मापेगा। पोलाराइजेशन की डिग्री और कोण मापन एक्स-रे ऊर्जा श्रेणी 8-30keV में किए जाएंगे। इस पेलोड को बेंगलुरु के रामम रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) ने यूआर राव सैटेलाइट (URSC) के साथ मिलकर तैयार किया है।
XSPECT:
एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग, ISRO का कहना है कि यह 0.8-15 केवी की ऊर्जा श्रेणी में स्पेक्ट्रोस्कोपी सूचना देगा। जो सॉफ्ट एक्स-रे में बढ़िया स्पेक्ट्रोस्कॉपिक रिजॉल्युशन प्रदान करता है।
इसरो चेयरमैन एस एसोमनाथ ने यह कहा,
S Somanath
“एक और सफल मिशन पूरा हो गया है… 2024 गगनयान का वर्ष होने जा रहा है। दो और परीक्षण उड़ानें योजना बनाई गई हैं। हमें PSLV, GSLV और SSLV की भी उड़ानें करनी हैं। यह बहुत ही व्यस्त हेक्टिक स्केडुल होगा।” Link.