NASA’s Curiosity Rover: नासा का क्यूरियोसिटी रोवर जो मंगल ग्रह के सतह पर Research कर रहा है, ने हाल ही में अपने 4,000 दिनों का सफर पूरा किया है Curiosity ने अपनी इस यात्रा में मंगल ग्रह की महत्वपूर्ण खोजों और जानकारियों को हासिल किया है , इसका मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह की भूमि और वातावरण से जुड़े तथ्यों का विश्लेषण करना है।
Curiosity Rover
Curiosity Rover एक एक कार के आकार का मार्स रोवर है। जो NASA के मार्स साइंस लैबोरेटरी (MSL) मिशन का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह की भूमि और वातावरण से जुड़े तथ्यों का विश्लेषण (Analysis )करना है। इसके जरिए, वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का मूल्यांकन किया है और नई और रोचक तथ्यों का पता लगाया है। इसके पास 10 विज्ञानीय उपकरणों का एक उन्नत सेट है, जिसमें 17 कैमरे, दूर से छोटे-छोटे बिंदुओं को भस्म करने और अध्ययन करने के लिए एक लेजर और पिसे हुए चट्टानों के नमूने लेने के लिए एक ड्रिल शामिल हैं। यह रोवर उन चट्टानों की तलाश करता है, जो पानी में बनी हों और/या जैविक पदार्थों के संकेत हों।
महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें
Curiosity Rover ने अपने 4,000 दिनों के सफर में कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें की हैं। इसने मंगल ग्रह की सतह की स्वरूप, रेडियोधरित पत्थरों का विश्लेषण, और जल की संभावनाओं की जांच की है। इसके जरिए, वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के वातावरण और संरचना के बारे में नई जानकारी मिली है
जीवन की संभावनाएं
Curiosity Rover की एक महत्वपूर्ण खोज में यह पता चला है कि मंगल ग्रह पर पहले से ही जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं। जल के अभाव में भी Curiosity ने सतही पानी की खोज में सफलता प्राप्त की है, जो भविष्य में मानव अध्ययनों के लिए महत्वपूर्ण है।
Key Facts about NASA’s Curiosity Rover
Launch:
7:02 a.m. PST, Nov. 26, 2011 (10:02 a.m. EST)
Launch Vehicle:
Atlas V-451 Landing: 10:32 p.m. PDT, Aug. 5, 2012 (1:32 a.m. EDT, Aug. 6, 2012)
Landing Site:
Gale Crater
Curiosity Rover के सफर की शुरुआत
Curiosity Rover के सफर की शुरुआत 5 अगस्त 2012 में शुरू हुई थी जब यह मंगल ग्रह के गेल क्रेटर के अंदर (एक 96-मील-चौड़ा गड्डा) लैंड किया गया था। इसके बाद से, यह नासा के मार्स साइंस लैबोरेटरी (MSL) का हिस्सा बनकर मंगल ग्रह के रहस्यमयी तथ्यों को खोजता रहा है।
Curiosity Rover का निर्माण
Curiosity Rover 2011 में नासा द्वारा प्रमोट किया गया था और इसने अपनी यात्रा 2012 में शुरू की थी। Curiosity Rover ने नासा के मार्स साइंस लैबोरेटरी (MSL) का हिस्सा बनकर अपनी पहचान बनाई है। इसका वजन लगभग 900 किलोग्राम है और इसमें विभिन्न वैज्ञानिक उपकरण सुजाए गए हैं।
क्यूरियोसिटी परियोजना की लागत $2.53 बिलियन थी, जिसमें से $2.42 बिलियन अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए थी, और $116 मिलियन इसके प्राथमिक मिशन के दौरान 98 सप्ताह के संचालन के लिए थी।
कैसे आया इस नाम का चयन? “क्यूरिओसिटी” नाम का चयन इस यान की गुणवत्ता को देखते हुए किया गया है। यह यान न केवल बड़ा है, बल्कि इसमें विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी साधने शामिल हैं जो अनेक जिज्ञासाएं सुलझाने की क्षमता रखते हैं। इस लिए इसका नाम “Curiosity” रखा गया है।
नए Research की दिशा में काम
इस सफलता ने नासा को और भी उत्साही बनाया है और वैज्ञानिकों को नए अनुसंधानों के लिए प्रेरित किया है। अब तक की खोजों के आधार पर, अगले कदम में मंगल ग्रह पर मानव अध्ययनों के लिए और उच्चतम स्तर के research की दिशा में काम किया जा रहा है। और जैसा ज्ञात है कि, भारत देश को भी मार्स मिशन में सफलता मिली है।
FAQs
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Curiosity Rover का मूल उद्देश्य क्या है?
Curiosity Rover का मूल उद्देश्य मंगल की सतह, भूमि, और वायुमंडल का अध्ययन करना है ताकि हम इस रहस्यमय ग्रह के संरचना और वातावरण को समझ सकें।
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क्या यह Curiosity Rover अब भी सक्रिय है?
हाँ, Curiosity Rover ने अब तक लगभग 2500 दिनों तक सक्रिय रहकर अनगिनत डेटा और जानकारी भेजी है। इसने अपनी सफलता के साथ लम्बी जीवनकाल की प्राप्ति की है।
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Curiosity Rover का नाम कैसे चयन हुआ?
Curiosity Rover का नाम इस यान की जिज्ञासुता और उत्साह को देखते हुए चयनित हुआ था, क्योंकि इसकी गुणवत्ता और योगदान ने हमें नए दृष्टिकोण प्रदान किये हैं।