भारतीय शेयर मार्किट के मार्किट रेग्यूलेटर Securities and Exchange Board of India (SEBI New Circular 2024) ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के मुताबिक शेयर बाजार में नेकेड शॉर्ट सेलिंग पर बैन लगा दिया गया है। लेकिन इसके साथ ही शॉर्ट-सेलिंग में सभी कैटेगरी के निवेशकों को शामिल होने की अनुमति मिल गयी है।
SEBI ने क्या कहा
सेबी द्वारा जारी फ्रेमवर्क में कहा गया कि, भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में नेकेड शॉर्ट-सेलिंग की इजाजत नहीं होगी। सेबी ने ये भी आदेश दिया है कि इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स को ऑर्डर देते समय पहले ही बताना होगा कि लेनदेन शॉर्ट सेलिंग है या नहीं। वहीं, रिटेल इन्वेस्टर्स को भी ट्रेडिंग डे के अंत तक इसी प्रकार का डिक्लेरेशन देना होगा। सेबी के मुताबिक़ इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स अब डे ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।
क्या होती है शॉर्ट सेलिंग
शॉर्ट सेलिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है, जिसमें निवेशकों को ऐसे स्टॉक्स को बेचने का अधिकार होता है जो बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं। इस प्रक्रिया में, निवेशक पहले सिक्योरिटी को उधार लेता है और फिर उसे बाजार में बेचता है। इस तरीके से, ट्रेडर स्टॉक्स को पहले ऊंचे दाम पर बेचता है और फिर उन्हें काम दाम पर खरीदता है, जिससे दोनों की कीमतों के बीच का अंतर से ट्रेडर को लाभ होता है।
क्या होती है नेकेड शॉर्ट सेलिंग
नेकेड शॉर्ट सेलिंग में, ट्रेडर बिना किसी सिक्योरिटी को उधार लेकर बाजार में व्यापार करता है। इसका मतलब है कि बाजार में ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर के पास कोई सिक्योरिटी की उपलब्धता नहीं होती, फिर भी वह उन शेयर्स को बेच देता है, जिन्हें उसने खरीदा भी नहीं था।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद आया ये फैसला
सेबी का यह सर्कुलर हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के एक साल बाद आया है। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के जांच पर भरोसा जताते हुए अडानी समूह के खिलाफ सीबीआई याचिका की खारिज कर दिया था । इसके साथ ही सेबी को यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बाजार में क्या अवैध तरीके से शेयरों पर शॉर्ट पोजीशन ली गईं।